गृह निर्माण समितियों से प्लॉट खरीदने से पहले जान ले, ये बातें

गृह निर्माण समितियों से प्लॉट खरीदने से पहले जान ले, ये बातें 

सोसायटी प्लॉट खरीदने से पहले सभी को कुछ जान लेना चाहिए।  ताकि किसी प्रकार की धोखाधड़ी ना हो।  सोसाइटी के द्वारा काटे गए प्लॉट सोसाइटी पट्टा जारी करने में अक्सर हेराफेरी होती रही है और समाचार पत्रों में हमेशा इस प्रकार की सूचनाएं आती रहती है कि फलां सोसाइटी ने किसी प्लाट के दो पट्टे जारी कर दिए या अन्य प्रकार से फर्जी पट्टे जारी कर दिए गए है। जिसका शिकार अक्सर मासूम लोग होते रहें है। जयपुर सहित राजस्थान विभिन्न जिलों में इस प्रकार के असंख्य केस सामने आते रहे हैं। 


विषयसामग्री 

  1. क्या है गृह निर्माण समिति 
  2.  सोसाइटी पट्टा क्या होता है ?  
  3. गृह निर्माण सहकारी समितियों पर नियंत्रण   
  4.  गृह निर्माण समितियों की शिकायत   
  5.  ब्लैक लिस्टेड गृह निर्माण समिति जयपुर कैसे जाने ?   
  6. जेडीए एप्रूव्ड कैसे जाने ?  
  7. सोसाइटी पट्टा प्लाट क्रय में आने वाली समस्याएं    
  8. सोसाइटी पट्टा प्लाट क्रय करने में सावधानियां 
  9. प्लाट में फर्जीवाड़ा होने पर क्या करे ?
  10. संबधितमहत्वपूर्ण लिंक  
 राजस्थान में ऑनलाइन नामांतरण प्रक्रिया 


आखिर क्या है गृह निर्माण समिति ( What is Housing Co-operative Society)

society patta meaningगृह निर्माण समिति ( Grah Nirman Samiti - Housing Co-operatiove Society) सहकारिता विभाग में पंजीकृत समितियां होती हैं जो भूमि को क्रय कर उसमे  सुधार एवं विकास इत्यादि कर इन्हे विकसित करती है तथा अपने सदस्यों को निर्धारित मूल्य पर प्लाट प्रदान करती है। ये समितियां सोसाइटी रजिस्ट्रेशन एक्ट, 2002 के अंतर्गत पंजीकृत होती है तथा सहकारिता रजिस्ट्रार उक्त के सम्बन्ध में निगरानी रखता है। इनकी कार्यप्रणाली साधारण समितियों की तरह ही होती है। राजस्थान में विभिन्न सहकारी समितियां कार्यरत है, जो प्लाट या फ्लैट इत्यादि को विकसित करती है एवं इनका विक्रय करती हैं। इनमे कई समितियों को ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया है तो कई स्टे के माध्यम से अब भी कार्यरत हैं।

सोसाइटी पट्टा क्या होता है ? ( What is  Society Patta ?)

गृह निर्माण समितियों द्वारा उनके सदस्यों को प्लाट देते समय या सामान्य भाषा में सोसाइटी से प्लाट खरीदते समय उक्त सोसाइटी भूमि या प्लाट के मालिकाना हक़ के तोर पर स्वयं का दस्तावेज जारी करता है जिसमे प्लाट नंबर, क्रय कर्ता का नाम, दस्तावेज की संख्या, दिनाँक  आदि के साथ ही गृहनिर्माण समिति पंजीकरण नंबर होते है, जिसे सोसाइटी के अध्यक्ष, मंत्री एवं कोषाध्यक्ष के हस्ताक्षर होते है। इसे ही सोसाइटी पट्टा ( Society Patta) के नाम से जाना जाता है। इनके साथ ही उस प्लाट का नक्शा एवं सदस्यता शुल्क की रसीद होती है। उक्त दस्तावेज को सोसाइटी के रिकॉर्ड में  शामिल किया जाता है। difference between society patta and jda patta यह होता है कि सोसाइटी के द्वारा प्रदान किये गए मालिकाना हक़ के दस्तावेज सोसाइटी पट्टा ( society patta ) के नाम से जाने जाते हैं जबकि जेडीए पट्टे में उक्त प्राधिकरण द्वारा ही मालिकाना हक़ के दस्तावेज जारी किये जाते है, जो jda patta के नाम से जाने जाते है। 

सहकारी समितयों पर नियंत्रण 

सभी प्रकार की समितियां राजस्थान में सहकारिता विभाग, राजस्थान  के अधीन आती है, सहकारिता विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर उक्त समितयों को पंजीकरण करना अनिवार्य होता है तथा उक्त सहकारी समितियों के काम काज में पारदर्शिता हेतु उक्त गृह निर्माण समितियों को अपनी ऑडिट रिपोर्ट सहकारिता विभाग की वेबसाइट पर अपलोड करनी अनिवार्य होती है, जो समितियां उक्त ऑडिट रिपोर्ट आदि उपलब्ध नहीं करवाती है उनको ब्लैक लिस्टेड किया जाता है। ब्लैक लिस्टेड कोआपरेटिव सोसाइटी लिस्ट आधिकारिक वेबसाइट से प्राप्त कर सकते हैं। 

किसी भी गृह निर्माण समिति ऑडिट रिपोर्ट / SICIETY FINANCIAL REPORT देखने हेतु निम्न लिंक पर क्लिक करें :-

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सहकारी समितियों की शिकायत कैसे करें ?

अक्सर देखा गया है कि गृह निर्माण सहकारी समितियों के काम काज में भारी अनियमितताएं होती है, प्रत्येक पीड़ित व्यक्ति उक्त के द्वारा किये गए किसी भी प्रकार के फर्जीवाड़े इत्यादि की शिकायत सहकारिता विभाग, राजस्थान  की आधिकारिक वेबसाइट पर कर सकता है। 

किसी भी प्रकार की शिकायत दर्ज करवाने हेतु  राजस्थान संपर्क पोर्टल पर निम्न लिंक से शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है इसका स्टेटस भी देखा जा सकता है तथा पुनर्स्मरण भी करवाया जा सकता है।  शिकायत दर्ज करवाने हेतु निम्न लिंक पर क्लिक करें  :


इसके अतिरिक्त शिकायत दर्ज करवाने हेतु टोल फ्री नंबर भी दिया गया है  जो की निम्नानुसार है 
टोल फ्री नंबर राजस्थान संपर्क पोर्टल -181 

ब्लैक लिस्टेड सोसाइटी की लिस्ट 

जयपुर जेडीए ऑफिसियल वेबसाइट पर ब्लैक लिस्टेड गृह निर्माण समिति सूची जयपुर दी गई है जो निम्नानुसार है :-

जेडीए जयपुर की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध 09.10.2017 तक जयपुर की ब्लैक लिस्टेड गृह निर्माण समिति सूची  हेतु निम्न लिंक पर क्लिक करे :-

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जयपुर में अवैध भवन या अवैध colony की सूची हेतु निम्न लिंक पर क्लिक करें :-

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जयपुर में सोसाइटी के प्लॉट JDA APRROVED कैसे जाने  ?

जयपुर विकास प्राधिकरण, जयपुर की आधिकारिक वेबसाइट से किसी भी प्लाट या कॉलोनी का स्टेटस जाना जा सकता है।  कोनसा प्लाट जेडीए एप्रूव्ड या कोनसा नहीं जानने हेतु निम्न लिंक पर क्लिक करे :



सोसाइटी के प्लॉट क्रय विक्रय में आने वाली समस्या

सोसाइटी के प्लॉट खरीदने में आने वाली विभिन्न समस्याएं निम्नानुसार है :-

दोहरे पट्टे  : अक्सर देखा गया है कि बंद गृह निर्माण समितियां भी पट्टे जारी कर देती हैं  तथा कब्जे एवं मालिकाना हक़ को लेकर दोनों पट्टे धारियों एवं गृह निर्माण समिति में विभिन्न दीवानी एवं फौजदारी केस हो जाते हैं। 

दस्तावेज का रिकॉर्ड नहीं होना : अक्सर यह देखा गया है कि जो सहकारी समिति अपने ऑडिट नहीं करवाती है अथवा जिसे ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया है वह पूर्व किसी दिनांक 1999 से पूर्व की होती है, के पट्टे जारी करता है जिनका रिकॉर्ड कहीं भी नहीं होता है ना ही सहकारिता विभाग और न ही जेडीए या सम्बंधित प्राधिकरण में किसी प्रकार का रिकॉर्ड  वगैरह में सबमिट किया गया होता है। इसी कारण सोसाइटी पूर्व दिनांक पर पट्टे जारी करती रहती है। हद तो यह होती है कि ब्लैक लिस्टेड होने के पश्चात भी उक्त फर्जी सोसाइटी इस तर्क के साथ पट्टे जारी करती है कि जिस दिनांक पर हम पट्टे दे रहे है उस समय हमें पूरी तरह से मान्यता थी।  उक्त कारणों से सम्पति का भविष्य में वादग्रस्त होना अवश्यम्भावी है। 

नाममात्र प्रतिफल राशि : सोसाइटी के पट्टों पर उनके साथ दी गई गृहनिर्माण समिति शुल्क रसीद में  नाममात्र की प्रतिफल या क्रय रकम दी गई होती है।  इसलिए यदि किसी प्रकार की रिकवरी करनी होती है तो भी विशिष्ट अनुतोष अधिनियम में तो उतनी राशि के पुनर्भरण  रिकवरी एवं उसके ब्याज की ही रिकवरी की जा सकती है।  इस प्रकार विक्रय करने वाले व्यक्ति को बहुत ही बड़ा नुकसान होता है। 

बिना पंजीकृत  करे पट्टे में नाम परिवर्तन : सोसाइटी का प्लॉट क्रय  करने के पश्चात  यदि किसी अन्य व्यक्ति को ट्रांसफर किया जाता है तो सामान्यतः यह देखा गया है कि गृह निर्माण समिति के पदाधिकारी पूर्व पट्टा अपने पास रख लेते हैं एवं नया पट्टा जारी कर देते हैं एवं इसके बदले में शुल्क जमा करते हैं जिससे सरकार को राजस्व की हानि होती है। यह तरीका भी वैध नहीं है। 

महंगा होम लोन फॉर सोसाइटी पट्टा (home loan on society patta) :  प्रायः कोई भी नेशनल बैंक नहीं प्रदान करता है, जब तक कि  प्राधिकरण आदि से उक्त प्लाट का अनुमोदन नहीं हो जाता है।  home loan on society patta jaipur में निजी वित्तीय संसथान उपलब्ध करवाते है जिनकी ब्याज दर अत्यधिक होती है।

कई बार society patta loan in jaipur लेने के पश्चात दूसरा पट्टा जारी करवाकर सम्बंधित व्यक्ति को संभाला देते है, जबकि अन्य पट्टा बैंक में मोर्टगेज होता है।  

प्लॉट क्रय विक्रय में सावधानियाँ, जो बरतनी चाहिए 

प्लाट क्रय करने से पहले निम्न सावधानियां है जो जान सामान्य को बरतनी चाहियें :
  • यथा संभव प्लाट सरकारी प्राधिकरण या हाउसिंग बोर्ड या सोसाइटी का ही खरीदें। दूसरी वरीयता प्रतिष्ठित निजी कॉलोनाइजर या डेवलपर से खरीदें। 
  • यदि गृह निर्माण समिति का प्लाट है तो जाँच ले कही उक्त समिति ब्लैक लिस्टेड तो नहीं है।  साथ ही यदि आपने प्लाट क्रय कर भी लिया है तो सोसाइटी द्वारा सहकारिता विभाग को सबमिट की गई ऑडिट में आपका नाम है भी या नहीं। 
  • बैक डेट पर यदि कोई प्लाट मिल रहा है तो यथा संभव उसे ना लें ।
  • सोसाइटी प्लाट यदि रीसेल में मिल रहा है तो उसी सरकारी सब रजिस्ट्रार पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग के यहाँ से ही पंजीकृत करवाएं एवं वास्तविक मूल्य का इकरारनामा ही करें। 
  • सम्बंधित प्राधिकरण इत्यादि द्वारा जाँच ले क्रय किये जाने वाले प्लाट या कॉलोनी कहीं अवैध तो नहीं है।

सोसाइटी के प्लॉट में फर्जीवाड़ा होने पर क्या करें ? COMPLAINT AGAINST HOUSING COOPERATIVE SOCIETY

यदि किसी व्यक्ति की जमा पूंजी खर्च करने के पश्चात भी गृह निर्माण समितियों के द्वारा प्लाट उपलब्ध नहीं करवाया जाता है या किसी न किसी प्रकार से विवादग्रस्त प्लाट उपलब्ध करवाया जाता है या ऐसे प्लाट का पूर्व में भी उसी या किसी अन्य गृह निर्माण समितियों के पट्टे भी जारी किये गए हैं, व्यक्ति हद से ज्यादा परेशान हो जाता है।  देखा जाए तो यहाँ पर वास्तविकता में बचाव ही उपचार है क्योकि वास्तविक अनुतोष ( Relief ) प्राप्त नहीं हो पाता है या लम्बे समय के लिए क़ानूनी पेचदिगियों में फंस कर रह जाता है।  फिर भी किसी प्रकार का फर्जीवाड़ा होने पर निम्न प्रकार से कार्यवाही की जा सकती है :
पुलिस प्रथिमिकी 
 प्लॉट में फर्जीवाड़े के पश्चात सम्बंधित पुलिस थाने में तुरंत प्राथमिकी  (fir for double society patta for sale / fir for double society patta case / fir for double society patta ) दर्ज करवानी चाहिए। सम्बंधित थाना धारा 120 B, 420 IPC  में FIR दर्ज कर जाँच में पश्चात अभियुक्त को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश करेगा। 
सिविल केस 
विभिन्न प्रकार के सिविल केस दर्ज करवाए जा सकते है जैसे कि प्लाट चाहने हेतु  विशिष्ट अनुतोष अधिनियम में वाद दायर कर प्लाट हेतु दावा कर सकते है  या दी गई रकम की वापसी हेतु अनुतोष मांग सकते हैं। क्षतिपूर्ति हेतु भी दावा किया जा सकता है।  
सम्बंधित  विभाग में शिकायत 
सहकारिता विभाग या सम्बंधित प्राधिकरण में भी शिकायत दर्ज करवा सकते है। 
राजस्थान के संपर्क पोर्टल पर शिकायत 
 राजस्थान सरकार के आधिकारिक संपर्क पोर्टल पर शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। 

महत्वपूर्ण लिंक 

राजस्थान सहकारिता विभाग- राज सहकार राजस्थान 

https://rajsahakar.rajasthan.gov.in/

जयपुर विकास प्राधिकरण 

https://jda.urban.rajasthan.gov.in/

राजस्थान संपर्क पोर्टल 

 

https://sampark.rajasthan.gov.in/

 

 

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