राजस्थान भू राजस्व (संशोधन ) अधिनियम, 2022 उद्देश्य तथा प्रावधान

RAJASTHAN LAND REVENUE (AMENDMENT) ACT  2022 राजस्थान भू राजस्व (संशोधन)  अधिनियम, 2022 

राजस्थान भू राजस्व (संशोधन)  अधिनियम, 2022

राजस्थान में राजस्थान भू राजस्व  अधिनियम, 1956  में जनहित हेतु एवं कृषि भूमि में बस चुके लोगों के लोककल्याण हेतु  23  मार्च, 2022  को राजस्थान विधान सभा ने  कृषि भू उपयोग रूपांतरण करने हेतु संशोधन विधेयक, राजस्थान भू राजस्व (संशोधन)  अधिनियम, 2022  पारित किया है, जिससे कृषि भूमि के रूपांतरण हेतु नियमों में शिथिलता प्रदान की है।   

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विषयसूची 

  1. राजस्थान भू राजस्व  अधिनियम, 1956 में संशोधन के उद्देश्य 
  2. धारा  90A  उपधारा 8 क्या है ?
  3. राजस्थान भू राजस्व (संशोधन) अधिनियम, 2022 धारा 90A उपधारा 8 
  4. राजस्व अधिनियम संशोधन का उपयोग 
  5. संशोधन की सीमा या अपवाद 

राजस्थान भू राजस्व  अधिनियम, 1956 में संशोधन के उद्देश्य 

राजस्थान भू राजस्व अधिनियम, 1956  की धारा  90 A  उपधारा 8  भू रूपांतरण से सम्बंधित है।  राजस्व  अधिनियम में  17 जून 1999 से पूर्व भूमि पर बिना भू परिवर्तन किये  कृषि उपयोग के अलावा अन्य रूप से प्रयोग करने पर उस भूमि के रूपांतरण के प्रावधान किये गए थे किन्तु वर्त्तमान में शहरीकरण होने के पश्चात तथा लम्बे समय में भूमि पर बहुत से परिवर्तन हो गए है तथा उनमे काफी ज्यादा मामले ग्रामीण परिवेश के लोगों के है जिन्होंने बिना भू परिवर्तन करवाये कृषि  भूमि का उपयोग अन्य उपयोग कर लिया है तथा पूर्व अधिनियम में 17 जून, 1999  की सीमा रेखा होने की वजह से वर्तमान में भू परिवर्तन आवेदन करने पर कॉफी समस्या का सामना करना पड़ता है।  इन्ही समस्याओं का अंत करने हेतु सरकार ने उक्त समय सीमा में परिवर्तन करके भू उपयोग परिवर्तन  के नियमों में कुछ शिथिलता प्रदान करने हेतु अधिनियम में संशोधन किया गया है। 

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राजस्थान भू राजस्व अधिनियम, 1956  की धारा  90A  उपधारा 8 क्या है ?

राजस्थान भू राजस्व अधिनियम, 1956  में राजस्व सम्पति के बारे में प्रावधान किये गए है। राजस्थान भू राजस्व अधिनियम की धारा 90 A में भूमि के रूपांतरण के सम्बन्ध में प्रावधान किये गए है। 

नए संशोधन को जानने से पूर्व हमे पूर्व अधिनियम की धारा 8 को समझना आवश्यक है। 

 90A राजस्थान भू-राजस्व अधिनियम, 1956 क्या है ?



इस धारा में प्रावधान किया गया है कि 17 जून, 1999  से पूर्व कृषि भूमि किसी निर्माण को नियमानुसार आवेदन करके भू रूपांतरण करवाया जा सकता है। यह प्रावधान 17 जून, 1999 से पूर्व किसी गृह निर्माण सहकारी सिमिति द्वारा कृषि भूमि में काटे गए पट्टो पर भी लागु होता है 

राजस्थान भू राजस्व अधिनियम, 1956 डाउनलोड THE RAJASTHAN LAND REVENUE ACT, 1956 in hindi pdf

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राजस्थान भू राजस्व (संशोधन) अधिनियम, 2022 धारा 90A उपधारा 8 

राजस्थान हिंदी में 90a नियम / 90 a rules rajasthan in hindi / राजस्थान भू-राजस्व अधिनियम 1956 धारा 90 / dhara 90a in hindi /90a land conversion rules in rajasthan

" 1 . संक्षिप्त नाम एवं प्रवर्तन : 

  1. इस अधिनियम का नाम भू राजस्व ( संशोधन ) अधिनियम 2022 है 
  2. यह तुरंत  प्रवर्त होगा। 
    2. 1956 की राजस्थान अधिनियम सं 15 की धारा 90 क का संशोधन :- राजस्थान भू राजस्व अधिनियम,1956 ( 1956 का अधिनयम संख्या 15 ) की धारा 90 क की उपधारा (8) में ,-
  • (i) विधमान अभिव्यक्ति " 17 जून, 1999 के पूर्व " के स्थान पर अभिव्यक्ति " 31 दिसंबर, 2021 के पूर्व " प्रतिस्थापित की जावेगी; और  
  • (ii) परन्तुक में, विधमान खंड (i) और (ii) को क्रमशः  (ii) और (iii) के रूप में पुनरसंख्यांकित किया जावेगा और इस प्रकार पुनरसंख्यांकित खंड ii से पूर्व, निम्नलिखित नया खंड अंतर्स्थापित किया जायेगा, अर्थात 
  • "(i) इस उपधारा की कोई भी बात ऐसी किसी भी भूमि पर लागु नहीं होगी , जिसके  किसी  सहकारी सोसाइटी द्वारा 16 जून , 1999 के पश्चात किया  गया है या पट्टा दिया गया है , ."
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सामान्य भाषा में इसे इस प्रकार से समझा जा सकता है :-
इस संशोधन में पहली धारा उक्त अधिनियम के नाम एवं लागु होने के सम्बद्ध में बताती है  तथा इसकी धारा 2 के अनुसार पूर्व अधिनियम की शब्द " 17 जून, 1999"  के स्थान पर " 31 दिसंबर, 1999" की प्रतिस्थापित किया गया है  अर्थात कृषि भूमि में निर्माण की अवधी को विस्तारित किया गया है तथा पूर्व खंडो को पुनः संख्याकित किया गया है और परन्तुक जोड़कर उक्त धारा से सहकारी समितियों द्वारा 17 जून, 1999 के पश्चात जारी किये गए पट्टों के सम्बन्ध में लागु ना होने के सम्बन्ध में स्पस्टीकरण दिया गया है। 

राजस्थान  भू राजस्व (संशोधन ) अधिनियम, 2022 की धारा 90 A उपधारा 8  पीडीऍफ़ डाउनलोड 

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राजस्व अधिनियम संशोधन का उपयोग 

पूर्व 17 जून 1999 से पूर्व की कृषि भूमि में आदि निर्माण के नियमन की ही स्वीकृति प्रदान की गई थी किन्तु वर्तमान में संशोधन अधिनियम में 31 दिसंबर , 2021 तक कृषि भूमि में में बने निर्माणों को नियमन कर पट्टे जारी करने का प्रावधान किया गया है। जिसमे राज्य सरकार ने 10 लाख  पट्टे जारी करने का लक्ष्य रखा है किन्तु उक्त पट्टे जारी करने में जयपुर मास्टर प्लान का विशेष ध्यान रखा जायेगा। 

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संशोधन की सीम ा या अपवाद 

उक्त संशोधन अधिनियम में राजस्थान गृह निर्माण समितियों के पट्टो को बाहर  रखा गया है ताकि 17 जून, 1999 के पश्चात कृषि भूमि में पट्टा जारी करने पर भी उक्त नियम का लाभ नहीं प्राप्त होगा। अर्थात गृह निर्माण समितयों को उक्त नियम से बहार रखा गया है 

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 सारांश :- उक्त संशोधन विधेयक कृषि भूमि में बसे  लोगों को विशेषरूप से लाभान्वित करेगा उक्त नियम के तहत कृषि भूमि पर 31 दिसंबर, 2021 से पूर्व निर्माण कर अवैध रूप से बसे लोगों को पट्टे जारी  करवाने का  क़ानूनी अधिकार प्रदान कर लोगों के निवास स्थान को क़ानूनी मान्यता प्रदान करने के प्रति राजस्थान सरकार का निश्चित रूप से एक अच्छा  कदम है

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