राजस्थान में कॉलेज (महाविद्यालय) कैसे खोले ?

राजस्थान में कॉलेज (महाविद्यालय) कैसे खोले ?

राजस्थान में कॉलेज (महाविद्यालय) कैसे खोले ?


शिक्षा का क्षेत्र को वर्तमान में केंद्र सरकार और राज्य सरकार प्रोत्साहित करने हेतु कई कदम उठाये है। यही कारण है कि देश में उच्च शिक्षा में अकल्पनीय बढ़ोतरी हुई है।  महाविद्यालय तथा विश्विद्यालय उच्च शिक्षा के आधार है । आज हम जानते है कि  राजस्थान में एक नवीन महाविद्यालय की मान्यता कैसे लेते है
तो चलिए प्रारम्भ करते है :-
राजस्थान में महाविद्यालय खोलने हेतु  3 चरणों में जान सकते है -

    1. सोसाइटी या ट्रस्ट या कंपनी पंजीकरण    2. कॉलेज शिक्षा निदेशालय में अनापत्ति प्रमाणपत्र आवेदन पत्र        3 . संबद्ध  विश्वविद्यालय में संबद्धता हेतू आवेदन 

तो आइए इन तीनो चरणों  को अलग अलग विस्तृत रूप से जानते है :-

प्रथम चरण -सोसाइटी या ट्रस्ट या कंपनी रजिस्ट्रेशन  पंजीकरण

महाविद्यालय की स्थापना के लिए प्रथम आवस्यकता एक सोसाइटी (जो राजस्थान सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम , 1958 में पंजीकृत) या एक ट्रस्ट ( जो भारतीय ट्रस्ट एक्ट, 1882 या राजस्थान पब्लिक  ट्रस्ट एक्ट, 1959  में पंजीकृत) अथवा कंपनी ( जो दी कंपनी एक्ट 2013 की धरा 8 में पंजीकृत हो) की होती है इन्ही के नाम से महाविद्यालय खोलने का आवेदन किया जा सकता है  आइए पहले इनके रजिस्ट्रेशन के बारे में जानते है

1. सोसाइटी का पंजीकरण - सोसाइटी का पंजीकरण  करवाने हेतु प्रत्येक जिले में सोसाइटी रजिस्ट्रार बने हुए है  वर्तमान में सोसाइटी के पंजीकरण की प्रक्रिया ऑनलाइन है एस एस ओ आई डी के माध्यम से इसके पंजीकरण हेतु अप्लाई कर सकते है इसकी ऑफिसियल वेबसाइट  https://rajsahakar.rajasthan.gov.in/ है इसके पंजीकरण का शुल्क 10000 रूपये है इस वेबसाइट से सोसाइटी का पंजीकरण, संशोधन आदि किया जा सकता है 

2.ट्रस्ट का पंजीकरण - इसका पंजीकरण  करने वाला विभाग देवस्थान विभाग होता है, इसके पंजीकरण हेतु पहले एक ट्रस्ट डीड बनाई जाती है उसके पश्चात उसका रजिस्ट्रेशन देवस्थान विभाग में करवाया जाता है, जिसमे देवस्थान विभाग ट्रस्ट रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट जारी करता है 

3. कंपनी का पंजीकरण - इसका पंजीकरण कंपनी रजिस्ट्रार के यहाँ होता है इसके प्रक्रिया ऑनलाइन है। इसकी जानकारी हेतु ऑफिसियल वेबसाइट https://www.mca.gov.in/ को देखे। 

संस्थाओ से सम्बंधित अन्य ओपचारिताएँ 

महाविद्यालय की मान्यता हेतु  महाविद्यालय के सुचारु रूप से सञ्चालन हेतु .न्यूनतम 15 सदस्यीय प्रबंध सीमित का गठन जिसमे 30 प्रतिशत महिलाएं होनी चाहिये तथा प्रत्येक 3 साल में प्रबंध समिति के चुनाव होने चाहिए इसमे 7 सदस्यीय प्रबबढ कार्यकारणी होनी चाहिए ।

दूसरा चरण कॉलेज शिक्षा निदेशालय में अनापत्ति प्रमाणपत्र आवेदन पत्र

ईस चरण के रूप में कॉलेज शिक्षा / निदेशालय/आयुक्तालय ,जयपुर (College Directerote of Education / Commissionarate of College Education, Jaipur) में  राज्य सरकार के अस्थायी अनापत्ति प्रमाणपत्र   (TNOC) हेतु आवेदन करना होता है उक्त आवेदन हेतु वर्ष में एक बार विञप्ति निकलती है विञपटी का समय प्रायः अक्टुम्बर होता है यह समय बदल सकता है  जैसे ही अखबार में मान्यता के आवेदन हेतु विज्ञप्ति का प्रकाशन होता है उससे पूर्व कुछ तैयारियां आवेदन हेतु करनी होती है 

सर्वप्रथम नयी कॉलेज पालिसी कॉलेज शिक्ष निदेशालय की ऑफिसियल वेबसाइट  https://hte.rajasthan.gov.in/  से डाउनलोड कर ले और उसका अध्ययन करे साथ ही इसमें दी गयी चेक लिस्ट के अनुसार निम्न तैयारियां होना आवश्यक है।

1.  पंजीकृत संस्था एवं एवं नियमानुसार महाविद्यालय प्रबंध सिमिति 

2. भूमि - अलग अलग क्षेत्रो हेतु भूमि का मापदंड अलग अलग है , आवेदन के समय निर्धारित मापदण्डानुसार भूमि संस्था के के नाम से रजिस्टर्ड होनी चाहिए भूमि के मापदंड निम्नानुसार है :-

   जयपुर, जोधपुर तथा अजमेर विकास प्राधिकरण के क्षेत्र में -2000 वर्गमीटर। 

   अन्य संभागीय मुख्यालय के स्थानीय निकाय की सीमा में - 3000  वर्गमीटर ।

   जिला मुख्यालय के स्थानीय निकाय की सीमा में - 5000 वर्गमीटर ।

   अन्य समस्त क्षेत्र - 8000 वर्गमीटर। 

3.  भवन - संस्था के नाम से रजिस्टर्ड भूमि पर ही भवन होना चाहिए जिसमें आवेदन के समय कॉलेज एनओसी पालिसी के अनुसार भवन (जिसमे कक्षा कक्ष, लाइब्रेरी, लेबोरेटरी , ऑफिस, स्टाफ रूम, कॉमन छात्र कक्षा तथा लड़के एवं लड़कियों के लिए अलग अलग सुविधाएं  जैसे शौचालय एवं पानी , आदि की व्यवस्था होनी आवश्यक कक्षा कक्षों का आकर 20 " x  30 " होना चाहिए। 

4.  भूमि का रूपांतरण  प्रयोजन शैक्षणिक हेतु होना चाहिए यदि ऐसा नहीं है तो 100 रूपये के स्टाम्प पर कन्वर्शन करवाने के संबध में निर्धारित प्रारूप में शपथ-पत्र होना चाहिए 

संस्था का प्रस्ताव, सक्षम अधिकारी का नाप के संबध में प्रमाणपत्र, भवन सुरक्षा प्रमाणपत्र, गूगल मैप प्रिंट, संस्था की भूमि पर ही भवन होने का सक्षम अधिकारी का प्रमाण पत्र , भवन का रजिस्टर्ड आर्किटेक्ट द्वारा ब्लू प्रिंट जो सक्षम अधिकारी द्वारा प्रमाणित हो  

5. सावधि जमा / एफडीआर - आवेदन से पूर्व संस्था की सावधि जमा एफडीआर संस्था एवं निदेशक कॉलेज शिक्षा के नाम से सयुक्त निम्नानुसार  होनी चाहिए ।

सामान्य क्षेत्र  में सहशिक्षा महाविद्यालय -10 लाख तथा बालिका महीविद्यालय 5 लाख 

आरक्षित क्षेत्र में सहशिक्षा महाविद्यालय -4 लाख तथा बालिका महाविद्यालय 2  लाख 

आरक्षित क्षेत्रो की सूची नवीन कॉलेज एनओसी पालिसी 2022-23  में देखी  जा सकती है। 

6. - शैक्षणिक एवं अशैक्षणिक स्टाफ की सूची।

7 . महाविद्यालय के फोटो ग्राफ आदि। 

8 . शुल्क =25000    ई चालान -20305 -Dy, Dir . College Education, jaipur के नाम से हो 

उक्त सभी दस्तावेजों की आवश्यकता ऑनलाइन फॉर्म भरने में होती है।  इसलिए आवेदन भरते समय इन्हे स्कैन करके तैयार रखे ।

जैसे ही विज्ञप्ति आती है, वेबसाइट https://hte.rajasthan.gov.in/  पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर  आवेदन करना होगा उक्त समस्त दस्तावेज अपलोड करने होंगे जब फॉर्म पूर्ण हो जाता है तब आवेदन शुल्क का भुगतान करना होता है भुगतान EGRAS   की वेबसाइट https://egras.raj.nic.in/ से ऑनलाइन या ऑफलाइन किया जाता है भुगतान के डिटेल डालने के पश्चात  EGRAS  चालान का प्रिंट लेते है और अब फॉर्म पर बताय गए नोडल अधिकारी (जो की प्रायः आस पास की सरकारी महाविद्यालय के प्राचार्य होते है) के  कार्यालय पर उक्त फॉर्म को मय चालान एवं आवश्यक  दस्तावेज की हार्ड कॉपी की  प्रति को ओर्जिनल दस्तावेज से चेक कर जमा करा दिया जाता है  

नोडल अधिकारी उक्त अस्थायी अनापत्ति प्रमाणपत्र आवेदन को जाँच कर कॉलेज शिक्षा निदेशालय को जमा करवा देता है

अब उक्त आवेदन की कॉलेज शिक्षा निदेशालय द्वारा जाँच कर पहले एक आशय पात्र (Letter of Intent) जारी किया जाता है  उक्त के पश्चात महाविद्यालय के नाम  निरिक्षण पत्र जारी किया जाता है, जिसमे संबधित नोडल या अन्य कॉलेज के प्राचार्य को निरिक्षण अधिकारी के रूप में नियुक्त किया जाता है। निरिक्षण अधिकारी निरीक्षण के तय दिनांक को महाविद्यालय भवन आदि का निरिक्षण तथा ओरिजिनल दस्तावेज का निरिक्षण कर उनकी एक प्रति प्राप्त करते है और निर्धारित प्रारूप में अपनी निरिक्षण रिपोर्ट कॉलेज आयुक्तालय को भेज देते है  उक्त रिपोर्ट को कॉलेज शिक्षा निदेशालय द्वारा जाँच किया जाता है यदि कोई कमी होती है तो कमीपूर्ति का लेटर जारी किया जाता है जिसकी पूर्ति आवेदनकर्ता द्वारा की जाती है  इसके पश्चात पुनः कॉलेज शिक्षा निदेशालय द्वारा जाँच की जाती है तथा रिपोर्ट के आधार पर कॉलेज को अस्थायी अनापत्ति प्रमाणपत्र की अनुशषा की जाती है तथा निर्धारित चेंनल के माध्यम से प्रथम बार तीन साल के लिए स्टेट गवर्नमेंट का  अस्थायी अनापत्ति प्रमाण  -पत्र  कॉलेज संचालित करने के लिए  शर्त सहित (कंडीशनल)  जारी किया जाता हैतीन साल पश्चात कॉलेज प्रबंधन स्थायी अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए आवेदन कर सकता है अब महाविद्यालय को संचालित करने हेतु संबधक विश्विद्यालय से संबद्धता प्राप्त करनी अनिवार्य होती है 

तीसरा चरण -संबद्ध  विश्वविद्यालय में संबद्धता हेतू आवेदन

राज्य सरकार से अनापति प्रणाम पत्र के साथ साथ ही नवीन महाविद्यालय को विश्वविद्यालय से सम्बद्धता (Affliation ) हेतु आवेदन करना होता है ।

इसका आवेदन उस विश्वविद्यालय में किया जाता है, जिसमे राज्य सरकार ने जिलावार अधिकृत कर रखा है। उदारणार्थ जयपुर जिला एवं दोसा जिला राजस्थान विश्वविद्यालय के अधीन है, इसलिये इनकी सम्बद्धता आवेदन वही किया जा सकता है।

कॉलेज निदेशालय की तरह ही सम्बद्धता प्राप्त करने के लिए विज्ञप्ति निकलती है, जिसमें सम्बद्धता हेतु आवेदन की तारिक बताई जाती है। राजस्थान विश्विधालय, जयपुर की ऑफिसियल वेबसाइट https://www.uniraj.ac.in/ हैअलग अलग विश्विद्यालय के पोर्टल अलग अलग है इसमें आवेदन की डेट प्रकाशित होने के पश्चात affiliation एप्लीकेशन का  लिंक खुलता है। जिसमे आप ऑनलाइन संबद्धता हेतु आवेदन कर सकते है 

आवेदन की ओपचारिताएँ:-1. संस्था का पंजीकरण ओर विधान की प्रति।

2. भूमि से संबंधित दस्तावेज।

3. राज्य सरकार की NOC  या आवेदन की प्रति।

4. हर फैकल्टी आवेदन हेतु  प्रथक सावधि जमा/ एफडीआर 500000 रूपये जो कि महाविद्यालय के सचिव तथा रजिस्ट्रार , विश्वविद्यालय के नाम से होना चाहिए 

5  प्रिंसिपल के दस्तावेज ।

6 . टीचिंग एवं नॉन टीचिंग दस्तावेज की प्रति। 

7.  शपथ पत्र  निर्धारित प्रारूप में ।

8. संबद्धता शुल्क (AFFILIATION FEES) जो की हर वर्ष अलग अलग हो सकता है, राजस्थान विश्विद्यालय में प्रथम बार सम्बद्धता शुल्क तथा निरिक्षण शुल्क पूरा लगता है , अगले साल संबद्धता के एक्सटेंशन में शुल्क आधा हो जाता है संबद्धता शुल्क आवेदित फैकल्टी वाइज लगता है , उक्त वेबसाइट पर आवेदन के समय अपने आप कैलकुलेट होता जाता है 

संबद्धता का ऑनलाइन आवेदन

लिंक को क्लीक करने पर पहले कॉलेज का पंजीकरण करते है उसके पश्चात संस्था , प्रबंध समिति , भूमि दस्तावेज, भवन फोटोग्राफ , ब्लूप्रिंट , टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ तथा प्रिंसिपल के दस्तावेज की डिटेल डालकर उन्हें अपलोड करते है तथा आवेदन के अंत में आवेदन शुल्क (जो की नेटबैंकिंग आदि के माध्यम से भुगतान किया जाता है )  तथा एफडीआर की डिटेल डालकर फॉर्म सबमिट और लॉक करते है और संबद्धता आवेदन फॉर्म को डाउनलोड कर हार्डकॉपी प्रिटं कर लेते है  आवेदन के 7 दिन के अवधि में फॉर्म को आवेदन फॉर्म एवं समस्त दस्तावेज को विश्विद्यालय के अकादमिक सेक्शन में जमा करा देते है 

उक्त आवेदन फॉर्म की जांच कर संबधित विश्विद्यालय दो सदस्यीय निरिक्षण दल का गठन करता है  निरीक्षण दल कॉलेज का निर्धारित दिन निरिक्षण कर अपनी रिपोर्ट देता है तथा उनकी रिपोर्ट के आधार पर एवं राज्य सरकार द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी होने के पश्चात अस्थायी संबद्धता उस सेशन के लिए शर्त सहित प्रदान करता है, जिसका प्रकाशन अपने पोर्टल पर कर देता है 

किसी महाविद्यालय को संचालित करने हेतु राज्य सरकार की अनापत्ति प्रमाण पत्र के साथ साथ  विवि की संबद्धता प्राप्त करना आवश्यक है। 

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