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NGO क्या होता है?
एनजीओ की फुल फॉर्म non-government organization होता है। जिन्हे हिंदी में "गैर सरकारी संस्थान" कहा जाता है। यह वह संस्थाएं या स्वैछिक संगठन(Volunteer Organization) होते हैं जो" नो प्रॉफिट नो लॉस" के आधार पर कार्य करते है एवं उनका मुख्य कार्य पब्लिक वेलफेयर अथवा जनकल्याण होता है।
👉EPF ACT रजिस्ट्रेशन, रिफंड तथा नियम
NGO के प्रकार
ट्रस्ट
सोसाइटी
सेक्शन 8 कंपनी
NGO रजिस्ट्रेशन प्रोसेस
सभी प्रकार के एनजीओ का पंजीकरण विभिन्न अधिनियम के अंतर्गत होता है। इसीलिए इनकी पंजीकरण प्रक्रिया भी भिन्न-भिन्न होती है। जो निम्न प्रकार से है :-
ट्रस्ट का पंजीकरण भारतीय ट्रस्ट एक्ट, 1982 के अंतर्गत होता है। ट्रस्ट दो प्रकार की होती है। प्राइवेट ट्रस्ट तथा पब्लिक ट्रस्ट। ट्रस्ट पंजीकरण हेतु निम्न प्रकार के दस्तावेजों की आवश्यकता होती है:- ट्रस्ट डीड, न्यूनतम 2 व्यक्ति, KYC, REGISTERED OFFICE ADDRESS PROOF
प्रक्रिया : सर्वप्रथम एक ट्रस्ट डीड संपादित की जाती है। जिसमें कम से कम 2 व्यक्तियों का होना आवश्यक होता है। इनमें एक सेटलर / फाउंडर होता है। जिसके प्रारंभिक योगदान से ट्रस्ट को प्रारंभ किया जाता है। इसके अतिरिक्त ट्रस्ट के कार्यों को संपादित करने के लिए अन्य व्यक्ति ट्रस्टी होता है तथा जिन व्यक्तियों के हित हेतु उक्त ट्रस्ट का निर्माण किया गया है, वे सभी व्यक्ति बेनिफिशियरी की श्रेणी में आते हैं। ट्र्स्ट रजिस्ट्रार के यहां उक्त डीड मय दस्तावेज पेश करनी होती है। राजस्थान में उक्त ट्रस्ट का पंजीकरण देवस्थान विभाग में होता है। न्यूज़पेपर में 60 दिन के नोटिस के पश्चात उक्त विभाग पंजीकरण जारी कर देता है।
ट्रस्ट डीड फॉर्मेट हिंदी पीडीएफ डाउनलोड
भारतीय ट्रस्ट अधिनियम, 1882 पीडीऍफ़ डाउनलोड (INDIAN TRUST ACT, 1882 DOWNLOAD PDF FORMAT Download
सोसाइटी के पंजीकरण सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम,1860 के अंतर्गत होता है। इसमें न्यूनतम 7 सदस्यों की आवश्यकता होती है। इसमें निम्न दस्तावेज की आवश्यकता होती है। सोसाइटी bylaws, सदस्यों की KYC, रजिस्टर्ड आफिस प्रूफ, निर्धारित शुल्क चालान आदि। उक्त दस्तावेज सहित निर्धारित फॉर्म को सोसाइटी रजिस्ट्रार के यहां प्रस्तुत किया जाता है। सोसाइटी के उद्देश्य आदि जांच करने के पश्चात 1से 2 सप्ताह में सोसाइटी पंजीकरण प्रदान कर दिया जाता है। राजस्थान में सोसाइटी पंजीकरण प्रक्रिया ऑनलाइन है। इसका लिंक निम्नानुसार है :- https://sso.rajasthan.gov.in/dashboard
SOCIETY REGISTRATION ACT, 1860 PDF DOWNLOAD Download
कंपनी अधिनियम के सेक्शन 8 में उक्त कंपनी का गठन होता है। इसमें भी न्यूनतम 2 व्यक्तियों की आवश्यकता होती है । जिन्हें डायरेक्टर के नाम से जाना जाता है। यह कंपनी पब्लिक वेलफेयर हेतु बनाई जाती है। संबंधित कंपनी रजिस्ट्रार के यहां इसका पंजीकरण होता है। कंपनी पंजीकरण प्रक्रिया भी ऑनलाइन है।
NGO FUNDING
👉FSSAI रजिस्ट्रेशन, पात्रता तथा नियम
यह मुख्यतः 4 प्रकार की होती है
- मेम्बरशिप फीस- सदस्यों से सदस्यता शुल्क के रूप में एकत्रित फण्ड
- पब्लिक- सामान्य नागरिको से चंदे के रूप में एकत्रित फण्ड
- सरकार- NGO के कार्य की प्रकृति के अनुसार राज्य अथवा केंद्र सरकार से प्राप्त फण्ड। इस हेतु NGO का NGO दर्पण में पंजीकृत होना अनिवार्य होता है।
- CSR - CSR फूल फॉर्म कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (CORPORATE SOCIAL RESPONSIBLE) होता है। कॉरपोरेट लॉ के अनुसार प्रत्येक कंपनी की कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी होती है। उन्हें अपने कुल प्रॉफिट का 2% अंश सामाजिक जनकल्याण के कार्यों पर खर्च करना होता है। उक्त कार्य यह सभी कंपनी या तो स्वयं करती है अथवा किसी एनजीओ के माध्यम से उक्त कार्यों को संपादित करती है तथा इस हेतु फंड उपलब्ध करवाती है।
NGO DARPAN क्या है ?
1 जनवरी 2015 से नीति आयोग ने एनजीओ दर्पण लांच किया। जिसका कार्य विभिन्न एनजीओ / विभिन्न स्वेच्छिक संगठन आदि का समन्वय सरकारी विभागों से करना है। एनजीओ दर्पण में साइन अप करने के पश्चात प्रत्येक संस्थान को एक सिस्टम जेनरेटेड यूनिक आईडी प्रदान की जाती है। किसी भी प्रकार का अनुदान (Grant) प्राप्त करने हेतु उक्त यूनिक आईडी प्राप्त करना अनिवार्य होता है।
NGO लिस्ट सर्च करने हेतु एनजीओ दर्पण की ऑफिसियल वेबसाइट https://ngodarpan.gov.in पर सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। इस वेबसाइट के माध्यम से ब्लैकलिस्टेड एनजीओ को भी सर्च किया जा सकता है।
एनजीओ दर्पण पोर्टल के माध्यम से हम स्टेट वाइज या जिला वाइज एनजीओ सर्च कर सकते हैं एवं उनके बारे में जान सकते हैं। एनजीओ दर्पण से वर्तमान में 18 विभाग का आवेदन किया जा सकता है एवं 7 विभागों को एनजीओ दर्पण से जोड़ने का कार्य चल रहा है। इस प्रकार यह पोर्टल विभिन्न विभागों एवं स्वेच्छिक़ ऑर्गेनाइजेशन तथा एनजीओ के मध्य समन्वय स्थापित करने का अच्छा विकल्प है । इससे पारदर्शिता में भी वृद्धि हुई है एवं हम जान सकते हैं कि कौन सा एनजीओ रजिस्टर्ड है अथवा नहीं है । इस प्रकार फर्जी एनजीओ पर भी लगाम कसी गई है। राष्ट्र के समुचित विकास के लिए एनजीओ दर्पण विभिन्न एनजीओ से समन्वय स्थापित करने एवं उनके प्रोजेक्ट के अनुसार अनुदान प्रदान करने का कार्य करता है। यह पोर्टल ब्लैक लिस्टेड एनजीओ की लिस्ट भी प्रदान करता है।
एनजीओ दर्पण के माध्यम से विभिन्न विभागों में लोक कल्याणकारी कार्य करने हेतु आवेदन किया जा सकता है।
Apply Grant हेतु निम्न लिंक से कर सकते है :-
https://ngodarpan.gov.in/index.php/home/schemewise
👉GST REGISTRATION ONLINE PROCESS
फंडिंग हेतु आयकर विभाग के आवश्यक पंजीकरण
किसी भी एनजीओ को विभिन्न स्त्रोतों से अनुदान प्राप्त करने हेतु आयकर विभाग के कुछ पंजीकरण करने अनिवार्य है। इन्हें करने के पश्चात ही डोनेशन के रूप में फंड प्राप्त किया जा सकता है। जिनमें मुख्य प्रकार के रजिस्ट्रेशन निम्न प्रकार से है:-
- 12A आयकर अधिनियम
- 80G आयकर अधिनियम
- 35AC आयकर अधिनियम
- FCRA- उक्त पंजीकरण विदेशी दानदाताओं से डोनेशन प्राप्त करने हेतु अनिवार्य होता है । इसकी फुल फॉर्म फॉरेन करेंसी रेगुलेशन एक्ट, 2010 होती है। इसके अभाव में एनजीओ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फंड प्राप्त नहीं कर सकते हैं।
इन नियमों में रजिस्ट्रेशन के पश्चात दानदाता डोनेशन देता है तो उसे आयकर के अंतर्गत छूट प्राप्त होती है। इसीलिए रजिस्ट्रेशन होने पर फंड सरलता से प्राप्त किया जा सकता है।
आयकर विभाग में उक्त पंजीकरण हेतु सामान्य नियम :-
- पूर्व दिए अनुसार ट्रस्ट, सोसाइटी या कंपनी।
- उक्त संसथान न्यूनतम 3 वर्षो से अनुदान चाहे गए क्षेत्र का अनुभव रखता हो।
- संसथान की 3 वर्ष की ऑडिट रिपोर्ट।
- नीति आयोग या NGO दर्पण में पंजीकृत हो।
- संस्थान का किसी क्षेत्र में लोककल्याण से सम्बद्ध प्रोजेक्ट।
- 3 वर्षो में न्यूनतम 10 लाख का खर्च सम्बंधित क्षेत्र में किये हों।
NGO महत्वपूर्ण आधिकारिक लिंक/ वेबसाइट
नीति आयोग की ऑफिसियल वेबसाइट
https://www.niti.gov.in
एनजीओ दर्पण की ऑफिसियल वेबसाइट
https://ngodarpan.gov.in
👉Income tax refund status कैसे जानें ?
सारांश
NGO का क्षेत्र अत्यंत विस्तृत होता जा रहा है। विविध संस्थाएं राष्ट्रीय एवं अंतरास्ट्रीय स्तर पर कार्य कर रही हैं। समाज कल्याण को प्रोत्साहित करने हेतु विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने हेतु राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर प्रयासरत है उनके द्वारा देय अनुदान इसी श्रेणी का एक कदम है।
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