TDS REFUND STATUS 21-22 कैसे जाने ? tds refund status hindi में जाने।
टीडीएस कटौती क्या होती है ?
TDS की फुल फॉर्म Tax Deduction at Source होता है। आयकर अधिनियम के अनुसार कुछ आय के स्रोत पर आयकर नियमों के अनुसार अनुमानित आय के आधार पर टैक्स कटौती का प्रावधान किया गया है। उक्त टैक्स कटौती आय के स्रोत के स्थान पर ही कर ली जाती है। इसे टीडीएस के नाम से जाना जाता है। देखा जाए तो यह सरकार द्वारा आयकर अधिनियम के अंतर्गत काटा गया भावी अथवा अग्रिम टेक्स होता है।
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इनकम टैक्स रिफण्ड क्या होता है ?
जब आयकर अधिनियम के नियमों के अनुसार टीडीएस कटौती कर ली जाती है अर्थात सरकार द्वारा टैक्स जमा कर लिया जाता है तो आयकर विवरणिका भरते समय यदि उपलब्ध दस्तावेजों के आधार पर उक्त टैक्स कटौती का समायोजन बनने वाले टैक्स से कर लिया जाता है और यदि उक्त किसी प्रकार का टैक्स नहीं बनता है अथवा कम बनता है तो आयकर विवरणिका भरने के पश्चात अतिरिक्त टैक्स आयकर अधिनियम के नियमों के अनुसार टैक्सपेयर को रिफंड कर दिया जाता है अर्थात रिफंड कर दिया जाता है।
हम सभी जब ITR RETURN FILE करते हैं तो इनकम टैक्स अधिनियम, 1961 के नियमो के अंतर्गत टीडीएस की कटौती होती है, जो कि 26 AS में भी दिखयी जाती है तथा नियमानुसर यदि हमारी आय टैक्स कटौती के अंतर्गत नही आती है तो ITR RETURN FILE करते वक्त उक्त कटौती का रिफंड बताया जाता है, जो हमे वापस प्राप्त होता है। इसे ही आयकर रिफंड के नाम से जाना जाता है।
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आयकर रिफंड कैसे प्राप्त करते हैं ?
आयकर रिफंड हेतु पूर्व में हुई कटौती के सम्बंध में आयकर रेतुर्न फ़ाइल करके एक प्रकार का हिसाब दिया जाता है कि हमारी जो भी कटौती हुई है वह आयकर के अंतर्गत नहीं आती है और इसी रिटर्न्स के आधार पर आयकर विभाग को उक्त कटौती आयकर अधिनियम के नियमों के अंतर्गत प्रतिदाय या रिफंड के लायक है तो उक्त कटौती को आयकर विभाग नियमानुसार आपके द्वारा फ़ाइल की गई आयकर विवरणिका के आधार पर रिफंड कर देता है।
दूसरे शब्दों में आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 237 में प्रावधान किया गया है कि देय देनदारी से अधिक काटा गया टैक्स को रिफंड क्लेम किया जा सकता है। इसी प्रकार आयकर अधिनियम,1961 की धारा 245 में प्रावधान किया गया है कि उक्त काटे गए टैक्स को अन्य देय टैक्स से समायोजित किया जा सकता है।
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रिफंड किस प्रकार प्राप्त होगा ?
रिफंड लंबित होने के सामान्य कारण
- अकाउंट का प्रीवैलिडेटेड ना होना या account no. गलत होना।
- दिए गए अकाउंट नंबर का बंद हो जाना।
- आयकर अधिनियम 1961 के नियमों के अंतर्गत जांच अधिकारी द्वारा आयकर विवरणिका की जांच करने के पश्चात रिफंड का ना बनना ।
- डिफेक्टिव रिटर्न का फाइल किया जाना।
- आयकर विवरणीकाका ई वेरीफाई समय पर ना किया जाना आदि।
रिफंड स्टेटस कैसे चेक करें ?
उक्त रिफंड का स्टेटस कैसे जाने इस हेतु दो प्रकार से टीडीएस रिफंड स्टेटस जाना जा सकता है। tds refund status online निम्न प्रकार से जान सकते है :-
1.इनकम टैक्स ऑफिसियल वेबसाइट
सर्वप्रथम https://eportal.incometax.gov.in/iec/foservices/#/login को यूजर आई डी पासवर्ड की सहायता से login करें।
View return / form को क्लिक करें।
Acknoldgement No. प्राप्त हो जाता है तथा सबसे नीचे की ओर विभाग द्वारा जारी रिफंड आर्डर डाउनलोड किया जा सकता है। साथ ही आपके e-Mail address पर भी मेसेज प्राप्त होता है।
उक्त में सम्पूर्ण विवरण प्राप्त हो जाता है।
2.एनएसडीएल वेबसाइट (NSDL) से
NSDL OFFICIAL WEBSITE LINK FOR REFUND STATUS CHEK LINK :- (tds refund status by pan no)
Click here- Refund Status -NSDL
https://tin.tin.nsdl.com/oltas/refund-status-home.html
दिए गए लिंक पर क्लिक करें । उक्त लिंक को क्लिक करने के पश्चात निम्न प्रकार की विंडो एनएसडीएल वेबसाइट की ओपन हो जाएगी। इस वेबसाइट से रिफंड स्टेटस दो प्रकार से जाना जा सकता है। प्रथम पेन नंबर के माध्यम से तथा द्वितीय टेन नंबर नंबर के माध्यम से ।
पैन नंबर के माध्यम से रिफंड स्टेटस जानने हेतु दी गई टैब टैक्स पेयर रिफंड ( पेन ) को क्लिक करें।
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