भारत सरकार ने वर्तमान में अपनी बजट घोषणाओं के अनुरूप कई योजनाओं का निर्माण किया है। उन्ही योजनाओं में एक महत्वाकांक्षी योजना " स्वामित्व योजना " है । भारत सरकार ने यह योजना पंचायती राज मंत्रालय के अधीन प्रारंभ की है। भूमि संबंधित योजनाओं में यह बहुत ही महत्वपूर्ण योजना है। इस योजना में " स्वयं की भूमि, स्वयं का हक " के सिदान्त पर कार्य करना है। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में आबादी भूमी का सर्वेक्षण, नाप-जोख (मापन) एवं मानचित्रीकरण को अपडेट कर सही स्वामित्व (True Ownership) का निर्धारण करना है। भारत सरकार ने इस हेतु ड्रोन तकनीक का उपयोग करने का प्रावधान किया है।
योजना का प्रारंभ 24 अप्रैल 2021 ( राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर ) एक वर्ष में 9 राज्यों हेतु पायलेट प्रोजेक्ट पूर्ण करने के पश्चात सम्पूर्ण भारत में इस योजना का शुभारम्भ किया है।
योजना का प्रारंभ 24 अप्रैल 2021 ( राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर ) एक वर्ष में 9 राज्यों हेतु पायलेट प्रोजेक्ट पूर्ण करने के पश्चात सम्पूर्ण भारत में इस योजना का शुभारम्भ किया है।
List of Content
योजना का नाम | प्रधानमंत्री "स्वामित्व योजना" |
पायलट प्रोजेक्ट प्रारंभ | 2020 |
राष्ट्रीय स्तर पर शुभारंभ | 24 अप्रैल, 2021 |
संबंधित विभाग | पंचायती राज मंत्रालय भारत सरकार |
विभागीय वेबसाइट | https://svamitva.nic.in/ |
योजनाकाल | 2020-2025 |
मुख्य लाभार्थी | भारत के ग्रामीण |
अन्य संबंधित लिंक | https://egramswaraj.gov.in/ |
प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना क्या है ?
भारत की ग्रामीण आबादी के क्षेत्र के सर्वेक्षण हेतु प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना 2020-2025 तक चरणबद्ध तरीके से प्रारम्भ की गई है। इस योजना के अंतरगर्त राजस्व / सम्पति रजिस्टर में अधिकार के अभिलेख (Right of Record) को नवीन तकनीक से अपडेट कर सम्पति के मालिक को सम्पति कार्ड (Property Card) जारी किया जाता है इस प्रकार सम्पति का स्पस्ट निर्धारण कर उसके उपयोग को विभिन्न उद्द्श्यों हेतु सम्पति का (Clear Title) सपष्ट शीर्षक प्रदान किया जाता है ।
योजना के उद्देश्य
स्वामित्व योजना का उद्देश्य एकीकृत सम्पति सत्यापन हेतु सम्पति कार्ड जारी करना है। उक्त योजना में सर्वे की ड्रोन तकनीक प्रयोग में लेने के कारण तथा विभिन्न विभागों का समन्वयन होने के कारण एक ही सम्पति से सम्बद्ध विभागों में सत्यापन आदि हेतु अलग-अलग जगह नहीं भटकना पड़ेगा। सारांशतः हम कह सकते है कि उक्त योजना का उद्देश्य भारतीय सम्पति रजिस्टर (Property Register) में समस्त भारतवासियों की सम्पतियों की सत्यापित(Verified) जानकारी को सुलभ करवाना है । इस प्रकार उक्त योजना के निम्न उद्देश्य हैं :-
- भारत के ग्रामीणों की सम्पति का स्पस्ट शीर्षक प्रदान कर बैंको एवं वित्तीय संस्थानों से सम्पति ऋण ( LAP) लेना सुलभ करवाना ।
- भारत के ग्रामीणों हेतु योजनाओं हेतु सही भू अभिलेख उपलब्ध करवाना।
- सम्पति कर निर्धारण में पारदर्शिता । स्वतः टैक्स निर्धारण ।
- विभिन्न विभागों हेतु उपयोगी सर्वेक्षण तथा जीआईएस नक्शों का निर्माण करना ।
- सम्पति का स्पस्ट निर्धारण एवं सीमांकन कर कानूनी विवादों को काम करना ।
- सटीक एवं गुणवत्तता युक्त नक्शों के द्वारा ग्राम पंचायत विकास योजना तैयार करने में सहयोग करना।
- ग्रामीणों को सटीक क़ानूनी दस्तावेज उपलब्ध करवाना।
- ग्रामीणों की सम्पति के सीमांकन के साथ ही अन्य ग्रामीण स्थानों जैसे सड़के, तालाब, नहर या खुले स्थान के साथ ही स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र , आंगनबाड़ी केंद्र के भी जीआईएस नक़्शे बना कर ग्रामीणों की सुविधा में अभिवृदि करना।
योजना के लाभ
- स्वामित्व योजना में ग्रामीण आबादी के क्षेत्र का स्पस्ट निर्धारण होने से तथा उन्हें सटीक कानूनी दस्तावेज प्राप्त होने से उन्हें सरलता से बैंक या वित्तीय संस्थानों से सहजता से ऋण की प्राप्ति हो सकेगी
- ड्रोन तकनीक से उक्त सीमांकन होने एवं विभिन्न विभागों का समन्वयन होने से व्यर्थ के भूमि विवादों से छुटकारा मिलेगा
- ग्रामीण भूमि सम्पति रजिस्टर में रिकॉर्ड ऑफ़ राइट के रूप में दर्ज होकर सम्पति कार्ड प्राप्त होने से उन्हें राज्य या राष्ट्रीय सरकार की योजनाओं का सीधा लाभ प्राप्त हो सकेगा।
- सम्पति या भूमि के कर निर्धारण तथा जमा करने में सहजता होगी
योजना में शामिल विभाग एवं लाभार्थी
इस योजना में पंचायती राज मंत्रालय , भारत सरकार , भारतीय सर्वेक्षण विभाग, योजना से संबधित राज्य के राजस्व विभाग, पंचायती राज विभाग तथा स्थानीय जिला अधिकारी , सम्पति मालिक, ग्राम पंचायत, राष्ट्रीय सुचना विज्ञानं केंद्र (NIC) GIS डिवीज़न तथा ग्रामीण आबादी क्षेत्रों में डेटाबेस तैयार करने वाले अन्य सम्पति संबधी विभाग को शामिल किया गया है इस प्रकार एक एकीकृत सम्पति डेटाबेस प्राप्त हो सकेगा ।
ग्रामीण सम्पति का सर्वेक्षण किस प्रकार होगा ?
इस योजना में सर्वे ऑफ इंडिया के तत्वाधान में एयरबोर्न फोटोग्राफी, सैटेलाइट इमेजरिज, एयरबोर्न एलआइडीआर,उच्च रेजोल्यूशन सैटेलाइट इमेजरी, मानव रहित वायु वाहन, ऑप्टिकल इंफ्रारेड एलआईडीआर सेंसर वाले ड्रोन से स्थलकर्तिक मांचित्रिकरण कर में ड्रोन तकनीक द्वारा हाई रेसोल्यूशन इमेजेस (जी आई एस) डेटाबेस तैयार जाएंगे । इसमें समस्त ग्राम पंचायत एवं संबंधित संपत्ति से संबंध रखने वाले समस्त विभाग शामिल होंगे। इसके साथ ही राज्य के राजस्व विभाग का भी काफी महत्वपूर्ण योगदान होगा। उक्त हाई रेसोल्यूशन इमेजेस / फोटो के माध्यम से भूमि का वास्तविक मानचित्र प्राप्त होगा एवं समस्त गांव का सीमांकन होगा। इसके साथ ही इन इमेजेस की सहायता से प्रत्येक व्यक्ति की संपत्ति की पहचान होगी। जो सर्वे का डेटाबेस होगा। सर्वे के माध्यम से ग्रामीणों को प्रॉपर्टी कार्ड जारी किया जाएगा। जो उनके द्वारा प्रस्तुत किए गए एवं राजस्व विभाग द्वारा उपलब्ध कराए गए समस्त दस्तावेजों के आधार पर होगा।
ऑनलाइन प्रॉपर्टी कार्ड डाउनलोड
उक्त समस्त प्रक्रिया के पश्चात सर्वे जब पूर्ण हो चुका होगा। ग्रामीण के मोबाइल नंबर पर एक लिंक भेजा जाएगा। जिसके माध्यम से वह समस्त दस्तावेज एवं प्रॉपर्टी कार्ड डाउनलोड कर सकता है। वह प्रॉपर्टी से संबंधित समस्त दस्तावेजों का एकीकृत रूप होगा।
विभिन्न राज्यों में योजना के विभिन्न नाम
स्वामित्व योजना को विभिन्न राज्य में अलग-अलग नामों से जाना जाता है । उदाहरण के लिए हरियाणा की टाइटल डीड, कर्नाटक की ग्रामीण सम्पति स्वामित्व अभिलेख, मध्यप्रदेश का अधिकार अभिलेख, महाराष्ट्र की सनद उत्तराखंड का स्वामित्व अभिलेख तथा उत्तरप्रदेश की इसी योजना के राज्यअनुसार नाम हैं ।
गाइडलाइन डाउनलोड लिंक
दोस्तो, इसी प्रकार के नवीन अपडेट हेतु Facts PP ब्लॉग से जुड़े रहे। हम आपको इसी प्रकार की ज्ञानवर्धक जानकारी उपलब्ध कराते रहेंगे ।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें