उपहार पत्र कैसे निष्पादित करें? उपहार विलेख के बारे में समस्त कानूनी जानकारी एवं उपहार पत्र विलेख प्रारूप डाउनलोड

उपहार पत्र कैसे निष्पादित करें ? उपहार विलेख कानूनी जानकारी, उपहार पत्र विलेख प्रारूप डाउनलोड

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उपहार विलेख क्या होता है ?

How to draft a Gift Deed
सामान्य भाषा में किसी व्यक्ति को उपहार अथवा दान या बख्शीश में कोई चल अथवा अचल संपत्ति प्रदान करना उपहार या बक्शीस (GIFT) कहलाता है। 
सामान्यतः कोई चल अथवा अचल संपत्ति का अंतरण किया जाता है तो उसमें एवज में प्रतिफल दिया जाता है और यदि प्रतिफल उपस्थित नहीं हो तो वह संविदा पूर्ण नहीं मानी जाती है। भारतीय संविदा अधिनियम के अनुसार प्रतिफल रहित करार(Agreement) शून्य (Void) माना गया है किन्तु गिफ्ट या उपहार इसका अपवाद है।
उपहार पत्र  बक्शीशनामा ऐसा विलेख होता है जो किसी व्यक्ति को बिना किसी प्रतिफल के चल अथवा अचल संपत्ति मैं अपने अधिकार अथवा स्वामित्व का अंतरण किसी अन्य व्यक्ति को करता है।
संपत्ति अंतरण अधिनियम 1882 की धारा 122 के अनुसार उपहार को निम्न प्रकार परिभाषित किया गया है  "उपहार वर्तमान चल या अचल संपत्ति का हस्तांतरण है जो स्वेच्छा से एवं प्रतिफल रहित, एक व्यक्ति जिसे दाता कहा जाता है, दूसरे व्यक्ति को, जिसे प्राप्त करता कहा जाता है, किया जाता है एवं प्राप्तकर्ता अथवा उसकी ओर से किसी व्यक्ति द्वारा स्वीकार किया जाता है।"
स्वीकृति कब दी जानी चाहिए- दान पत्र स्वीकृति दाता के जीवन काल में एवं जब तक वह सक्षम है, तब तक दी जानी चाहिए। यदि स्वीकृति दिए जाने से पूर्व दाता की मृत्यु हो जाती है तो दान शुन्य हो जाता है।
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इस प्रकार संपत्ति अंतरण अधिनियम, 1882 की यह धारा बिना प्रतिफल के संपत्ति के हस्तांतरण (स्वामित्व तथा कब्जा) की अनुमति प्रदान करता है। उपहार विलेख, विक्रय विलेख की तरह ही होता है, केवल प्रतिफल अनुपस्थित रहता है।

उपहार विलेख का पंजीकरण

पंजीकरण अधिनियम, 1908 की धारा  17 के अनुसार यदि अचल संपत्ति का हस्तांतरण होता है तो उसका पंजीकरण अनिवार्य माना गया है। इसके साथ ही संपत्ति अंतरण अधिनियम, 1882 की धारा 123 में सम्पति विलेख का पंजीकरण अनिवार्य बताया गया है। उक्त दोनों एक्ट के परिपेक्ष्य में हम कह सकते हैं कि अपंजीकृत उपहार पत्र मान्य नहीं होता है।

उपहार पत्र पंजीकरण प्रक्रिया

उपहार पत्र का पंजीकरण भी विक्रय विलेख, वसीयत, रेंट एग्रीमेंट आदि के जैसे ही पंजीकरण अधिनियम,1908 के अनुसार दस्तावेजों के पंजीकरण हेतु विद्यमान विधि के अनुसार किया जाता है।  इसका पंजीकरण दस्तावेजों के रजिस्ट्रार के यहां किया जाता है।
राजस्थान में उपहार विलेख पंजीकरण करने हेतु सर्वप्रथम इसकी ऑफिसियल वेबसाइट मुद्रांक एवं पंजीयन विभाग, राजस्थान  की आधिकारिक वेबसाइट  / ई- पंजीयन राजस्थान (https://epanjiyan.nic.in/ऑनलाइन उपहार पंजीकरण करना होता है एवं ऑनलाइन EGRAS वेबसाइट से स्टांप ड्यूटी का भुगतान करना होता है एवं टी आर एन नंबर प्राप्त करना होता है। इसके पश्चात रजिस्ट्रार के समक्ष दोनों पक्षकर दानदाता एवम दान ग्रहीता तथा दो गवाह एवं लिखित विलेख को समस्त आवश्यक दस्तावेज जैसे चेक  लिस्ट, पहचान पत्र एवं दो प्रतियों के साथ प्रस्तुत किया जाता है। जिसमें उसके पश्चात समस्त व्यक्तियों के फोटो लिए जाते हैं एवं उनकी फिंगरप्रिंट को स्कैन किया जाता है। जांच के पश्चात उपहार पत्र प्रदान दिया जाता है।
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रक्त संबंधों में सम्पति अंतरण (Property Transfer in blood Relation )  उपहार द्वारा

रक्त संबंधों में संपत्ति अंतरण हेतु विक्रय पत्र या वसीयत से ज्यादा महत्वपूर्ण एवं फायदेमंद गिफ्ट डीड होती है क्योंकि राज्य सरकार ने उपहार पत्र विलेख हेतु स्टांप ड्यूटी में छूट प्रदान कर रखी है यहां रक्त संबंधों(Blood Relations) तात्पर्य माता, पिता, पुत्र, भाई, बहन, दादा  या दादी से होता है। यदि इन संबंधों में उपहार विलेख के माध्यम से संपत्ति का अंतरण किया जाता है तो राजस्थान में संपत्ति की कुल डीएलसी रेट का स्टांप ड्यूटी 2.5 प्रतिशत ही लगती है। जबकि विक्रय पत्र की स्थिति में कुल डीएलसी रेट के आधार पर  स्टांप ड्यूटी 6% लगती है। इसीलिए रक्त संबंधों में उपहार पत्र विलेख के माध्यम से सर्वाधिक संपत्ति अंतरण होता है।

राजस्थान में उपहार पत्र हेतु तय की गई स्टांप ड्यूटी


Search in PDF- Gift Deed

उपहार विलेख प्रारूप कैसे लिखे ? 

उपहार विलेख ड्राफ्ट करने हेतु सर्वप्रथम उपहारकर्ता एवं उपहारप्राप्त कर्ता दोनों के स्पष्ट विवरण देना अति आवश्यक है। इस हेतु दोनों पक्षकारों के आधार कार्ड एवं आईडी ड्राफ्ट के साथ संलग्न होने चाहिए। इसके पश्चात उपहार में दी गई संपत्ति का स्पष्ट विवरण होना चाहिए, इस हेतु सम्पति के दस्तावेज की मदद ले एवं उपहार विलेख किस कारण से निष्पादित किया जा रहा है, उसका भी उल्लेख होना चाहिए। 
उपहार विलेख में दोनों पक्षकारों के हस्ताक्षर प्रत्येक पेज में होने चाहिए एवं इसके साथ ही दो गवाहों के हस्ताक्षर भी होने आवश्यक हैं। इस हेतु गवाहों की आईडी संलग्न रखें। राज्य सरकार द्वारा निर्धारित उचित मूल्य का स्टांप पेपर एवं पाइप पेपर उपयोग में ले। तत्पश्चात नियमानुसार दस्तावेजों के रजिस्ट्रार के यहां उपहार विलेख का पंजीकरण करवाएं।
उपहार विलेख फॉरमैट इन हिंदी पीडीएफ /  बक्शीसनामा डीड format pdf  डाउनलोड करें :-


उपहार विलेख फॉरमैट इन हिंदी पीडीएफ /  गिफ्ट डीड  फॉरमेट वर्ड फ़ाइल  डाउनलोड करें :-


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उपहार तथा वसीयत में अंतर

  1. एक उपहार पत्र अथवा बख्शीश नामा तुरंत प्रभावी हो जाता है जबकि वसीयत मृत्यु पश्चात ही प्रभावी होती है
  2. एक उपहार पत्र को निरस्त नहीं किया जा सकता जबकि वसीयत मृत्यु से पूर्व कई बार बनाई जा सकती है।
  3. उपहार पत्र में उपहार प्राप्तकर्ता की स्वीकृति आवश्यक होती है जबकि वसीयत में इस प्रकार की स्वीकृति की आवश्यकता नहीं होती है।

विक्रय विलेख (Sell Deed) तथा उपहार विलेख (Gift Deed) में अंतर

  1. विक्रय विलेख में प्रतिफल की राशि समाहित होती है जबकि अभिलेख में प्रतिपल राशि लागू होती है।
  2.  विक्रय विलेख में संपूर्ण स्टांप ड्यूटी का भुगतान करना होता है जबकि रक्त संबंधों में उपहार विलेख निष्पादित करने पर स्टाम्प ड्यूटी कम का भुगतान करना होता है ।
  3. विक्रय विलेख में विक्रय निष्पादित करने हेतु कोई कारण नहीं दिया जाता है जबकि उपहार सत्र में विवेक निष्पादित करने का कोई कारण दिया जाता है।

क्या पैतृक संपत्ति उपहार में दी जा सकती है?

सामान्यतः स्वअर्जित संपत्ति का किसी भी प्रकार से अंतरण किया जा सकता है। उक्त संपत्ति का उपहार विलेख भी निष्पादित किया जा सकता है। किंतु अविभाजित सयुंक्त परिवार की पैतृक संपत्ति की स्थिति में किया गया उपहार पत्र कई प्रकार के कानूनी विवादों को जन्म देता है। इसीलिए उक्त संयुक्त संपत्ति का उपहार विलेख निष्पादित करने से पूर्व उक्त संपत्ति में अपना अंश प्रथक करवा लेना चाहिए। इस प्रकार पैतृक संपत्ति का भी उपहार विलेख निष्पादित किया जा सकता है।
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क्या उपहार पत्र को चुनौती दी जा सकती है?

संपत्ति अंतरण अधिनियम 1982 के अंतर्गत यदि सम्यक असर (Undue Influence),  दबाव,  उत्पीड़न,  झूठ का सहारा लेकर उपहार पत्र निष्पादित किया जाता है तो इन आधारों पर उपहार पत्र को चुनौती दी जा सकती है एवं इसे निरस्त करवाया जा सकता है।
सम्पति अंतरण अधिनियम, 1882 हिंदी डाउनलोड


दोस्तों,
इस प्रकार हम कह सकते हैं कि रक्तसंबंधों में उपहार विलेख कर स्टाम्प ड्यूटी की बचत कर सकते हैं। दोस्तो इन जानकारियों को शेयर किजिये और Facts PP हिंदी ब्लॉग के साथ बने रहें।

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