विभाजन विलेख 2021 कैसे सम्पादित करें ?
सम्पति का बटवारा या विभाजन हमारे समाज का अभिन्न हिस्सा है। सभी व्यक्तियों को सम्पति के बटवारे की कभी न कभी जरुरत होती है। आज हम बटवारे या विभाजन के सन्दर्भ में बात करेंगे ।
विषय सामग्री
विभाजन या बटवारा क्या होता है ?
बटवारा या विभाजन क्या है ? सम्पति को उसके अंशधारियों अर्थात उसमे किसी भी प्रकार से स्वामित्व रखने वाले व्यक्तियों में उनके अंश के अनुसार विभक्त करना ही बटवारा या विभाजन कहलाता है। अर्थात यह एक प्रकार का करार होता है जिसमे सभी व्यक्ति अपने अंश के अनुसार अंश को चिन्हित कर अन्य व्यक्तियों से अपना अंश पृथक कर लेते है। इसी प्रकार अन्य अंशधारियों के भी अंश को चिन्हित कर लिया जाता है और सभी व्यक्ति अन्य व्यक्ति हेतु चिन्हित अंश में अपने सभी अधिकारों के त्याग की घोषणा करते है और अपनी सम्पति को अधिकार में लेते है तथा उस विशिष्ट व्यक्ति की सम्पति आंत्यतिक रूप से उस विशिष्ठ व्यक्ति की हो जाती है। उक्त सम्पति के सम्बन्ध में वह चाहे जो कर सकता है ।
बटवारा कैसे किया जाता है ?
बटवारा विभिन्न धर्मो के वैयक्तिक विधि से प्रभावित होता है अर्थात विभिन्न धर्मों के बटवारे के नियम विभिन्न होते है क्योकि इस सम्बन्ध में उन पर व्यक्तिगत विधि लागु होती है। सामान्यत निम्न प्रकार से बटवारा किया जाता है :-
पारस्परिक सहमति से
जब हिन्दू अविभक्त परिवार मे पारस्परिक सहमति से बटवारा सम्पादित किया जाता है तो यह एक प्रकार का पारिवारिक बंदोबस्त होता है, जिसमे सभी सदस्य अपनी सहमति प्रदान करते है । उक्त विभाजन करार( Devidation Agreement ) को स्टाम्प पेपर पर लिखकर सभी सदस्यों के हस्ताक्षर तथा गवाहों के हस्ताक्षर करवाकर उक्त स्टाम्प पेपर को नोटरी पब्लिक से नोटराइज करवा लिया जाता है तथा उक्त के आधार पर तहसील या रजिस्ट्रार ऑफिस में भी उक्त बटवारे की लेख को पंजीकृत करवा लिया जाता है ।
वाद दायर करके-
जब एक हिन्दू अविभक्त परिवार में किसी सदस्य द्वारा बटवारे की मांग की जाती है किन्तु परिवार के अन्य सदस्य उक्त बटवारे को करने हेतु सहमत नहीं होते है तो बटवारा करने हेतु सिविल न्यायालय में वाद दायर कर उक्त विभाजन का निर्णय प्राप्त किया जाता है। चूँकि विभाजन सम्पति से संबधित होता है, इसलिए सम्पति से संबधित अधिनियम एवं धाराएं विभाजन हेतु वाद को प्रभावित करती है। विभाजन को प्रभावित करने वाले अधिनियम निम्न हो सकते है जैसे -भारतीय विभाजन अधिनियम,हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम, सम्पति अंतरण अधिनियम , भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम , राजस्व अधिनियम , सुखाधिकार अधिनियम आदि।
किसी वाद के द्वारा विभाजन समय लेने वाली प्रक्रिया होती है जब कभी विभाजन हेतु सहमति नहीं बन पति है तो भारतीय विभाजन अधिनियम में विभाजित की जाने वाली सम्पति को बेचकर सभी व्यक्तियों के अंश के अनुसार रूपये को विभाजित करके देने का भी प्रावधान है ।
विभाजन की जाने वाली सम्पति के आधार पर बटवारा कैसे किया जाता है?
- पुस्तैनी सम्पति में बटवारा
- स्वार्जित सम्पति में बटवारा
- कृषि भूमि में बटवारा
- आवेदन पत्र
- जमाबंदी
- गिरदावरी
- ट्रेस नक्शा
- पटवारी तथा गिरदावर की रिपोर्ट
- रिहायसी घर में बटवारा
- सहसाझेदारों में बटवारा
- सम्पति का वसीयत द्वारा बटवारा
कोई व्यक्ति अपनी सम्पति के सम्बद्ध में वसीयत तैयार कर सकता है, उक्त व्यक्ति की मृत्यु पश्चात न्यालय द्वारा उक्त वसीयत के अनुसार उनका सम्पति में विभाजन तय किया जाता है न्यायलय उक्त हेतु आदेश जारी करता है ।
बटवारना मा विलेख (Partition Deed)
सम्पति के बटवारे के लिखित तथा हस्ताक्षरित विलेख अथवा दस्तावेज को बटवारनामा / विभाजन विलेख ( Partition Deed ) के नाम से जाना जाता है । उक्त बटवारेनामे मे सभी सह अंशधारी चाहे उनका हिस्सा कितना भी हो, उनके हिस्से के अनुसार विभाजित कर लिखित करार कर लिया जाता है एवं उक्त को स्टाम्प पेपर पर विभाजन विलेख ड्राफ्ट ( partition deed draft) लिखकर उसे नोटराइज या रजिस्टर्ड करवा लिया जाता है उक्त डीड के अनुसार भौतिक रूप से भी अंशो का बटवारा निष्पादित कर लिया जाता है।
विभाजन हेतु आवश्यक दस्तावेज (documents required for partition deed / partition deed document)
सम्पति के बटवारेनामे को निष्पादित करने हेतु निम्न दस्तावेज की आवश्यकता होती है
- बटवारा किये जाने वाली सम्पति के दस्तावेज
- समस्त अंशधारियों की के आधार नंबर तथा एड्रेस प्रूफ
- दो गवाहों के आधार नंबर तथा एड्रेस प्रूफ
- बटवारे के आधार से संबधित दस्तावेज जैसे की वसीयत,
- मृत व्यक्तियों के मर्त्यु प्रमाणपत्र
विभाजन विलेख का पंजीकरण प्रक्रिया
जब विभाजन विलेख एक उचित मूल्य के स्टाम्प पेपर पर तैयार किया जाता है तो उस स्थिति में जब सभी पक्षकार परस्पर विभाजन करने हेतु सहमत होते हैं तो साधारण स्टांप पेपर पर उक्त डीड लिखना पर्याप्त होता है। राजस्थान में विभाजन विलेख को यदि रजिस्ट्रार विभाग में पंजीकरण करवाना चाहें तो करवाया जा सकता है उक्त हेतु विभाजन विलेख स्टाम्प ड्यूटी (partition deed stamp duty) पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग की epanjiyan वेबसाइट पर लिस्ट उपलब्ध है।उक्त डीड हेतु साधारण दस्तावेजों के रजिस्ट्रीकरण से संबंधित प्रक्रिया ही लागू होती है।
बटवारे से संबधित महत्वपूर्ण लिंक व पीडीऍफ़ डाउनलोड
बटवारनामा फॉर्मेट इन हिंदी,partition deed format,
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें